एक बादल पर बैठी लड़की घूमती पूरी दुनिया में,लाती वहां से बूँदें चुनकर एक छोटी सी पुड़िया में, बांटती फिरती दुनिया में वो उन प्यारी सी बूंदो को,ध्यान से सुनना,सपना बुनना, खोलना मन के कुंडे को, सिर्फ माह भर के लिए आई है वो, 30 'कहानी की बूंदे' लाई वो ..... और आज की कहानी है एक बतख के बच्चे के बारे में .. जो अपने भाई बहन से अलग दिखता था