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अक्सर व पूछा जाता है कि क्या गुरु की सहायता के बिना आध्यात्मिक विकास संभव है? अगर मैं आपको एक जलती हुई टॉर्च दे दूं, तब भी शायद आप अपना घर न खोज पाएं। टॉर्च आपको गड्ढे में गिरने से बचाती है, पर आप इसका उपयोग कैसे करते हैं, यह पूरी तरह से आप पर है। तो, प्रकाश का सबसे अच्छा स्रोत क्या है?

जीवन में गुरु का होना हमेशा बहुत जरूरी बताया जाता है, क्योंकि गुरु के बिना खुद को बदलना बहुत मुश्किल है। क्योंकि जो चीजें आप जानते हैं उन्हें पाने के लिए काम करना संभव है, पर आप खुद को किसी ऐसी चीज में कैसे बदल सकते हैं, जिसे आप जानते ही नहीं हैं? मैं इस संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं कर रहा हूं। बात सिर्फ यह है कि ज्यादातर लोगों के लिए, यह एक बहुत छोटी संभावना है।

गुरु कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक संभावना है। शायद सभी की

उस व्यक्ति तक पहुंच न हो, पर जो वाकई इच्छुक है, उसकी इस ऊर्जा तक पहुंच हमेशा बनी रहती है। मैं जिन लोग से मिल चुका हूं, उनसे ज्यादा मैंने ऐसे लोगों को दीक्षा दी है, जिनसे मैं कभी नहीं मिला। जब भी किसी का दिल सत्य को जानने के लिए रोता है, तो मैं हमेशा उसकी मदद के लिए मौजूद रहता हूं।

गुरु के साथ रहना कभी भी आसान नहीं होता, क्योंकि वह आपकी विचारधाराओं को तोड़ता रहता है। इस संभावना तक पहुंच केवल उस इच्छा के कारण होती है, जो शायद किसी के अंदर हो। गौतम बुद्ध ने इसे बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। जीवनभर गौतम बुद्ध के साथ लगातार रहने वाले आनंदतीर्थ अंत में भी अज्ञानी रहे। जब लोगों ने पूछा, 'यह आदमी हर समय आपके साथ रहता है। इसे ज्ञान क्यों नहीं मिला?' जवाब में, गौतम ने कहा, 'क्या एक चम्मच सूप का स्वाद ले सकता है?' यही सब कुछ है।