Recorded in 2008, New Delhi
Song title: Bund hai to aur bhi khojenge hum
Sung by: Pankaj Shrivastava
बंद है तो और भी खोजेंगे हम
रास्ते हैं कम नही तादाद में-२
आग हो दिल में अगर मिल जायेगा
हस्तरेखाओं में खोया रास्ता
बंद है तो और भी खोजेंगे हम
रास्ते हैं कम नही तादाद में-२
मुठ्ठियों की शक्ल में उठने लगे
हाथ जो उठते थे कल फरीयाद में
पहले तो चिनगारियां दिखती थी अब
हर तरफ़ है आग का इक सिलसिला
बंद है तो और भी खोजेंगे हम
रास्ते हैं कम नही तादाद में-२
टूटती टकराहटों के बीच से
इक अकेली गूंज है ये ज़िन्दगी
ज़िन्दगी है आग फूलों में छिपी
ज़िन्दगी है सांस मिट्टी में दबी
बन्द हैं तो और भी खोजेंगे हम
रास्ते हैं कम नहीं तादाद में
बनके खुशबू फूल की महकेंगे वे
जो किरण बन मिल गये हैं खाक में
बंद है तो और भी खोजेंगे हम
रास्ते हैं कम नही तादाद में
Photo courtesy Devendra Kumar Arya's facebook