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Description

A rare recording of Bhawani Prasad Mishra (1913 - 1985) reciting his poem.

Curated by Irfan.

सुनिए वाचन का प्रभाव। जब कविता ठीक उसी भाव को जन्म दे जिस इरादे और गुस्से से जन्मी हो।

(कवि भवानी प्रसाद मिश्र के स्वर में एक दुर्लभ रिकॉर्डिंग)

हाय रे संसार सागर

बन अगर पड़ता तो मैं

तुझको बनाता एक          गागर

झुलाकर हाथों में अपने

उठाकर कन्धों से ऊपर

मैं तुझे दे मारता पल भर नचाकर

सख़्त भू पर ...

Audio Courtesy: Shubham Mishra

Photo Courtesy: Google

Cover Art: Irfan