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Description

Maqbool Fida Husain / M. F. Husain's autobiography converted into 5 hours unique audio book. Syed Mohd Irfan aka Irfan a well-known Delhi based Broadcast Journalist. Founder-Producer and Anchor Guftagoo made it possible. A pioneering work came out first time in Indian Sub-continent in 2003.

“किसी ने कहा- ‘अपनी कहानी लिखो’।

पूछा ‘क्यों?’

कहा ‘तुम पर फ़िल्म बनाई जाए।’

‘फ़िल्म! ज़रा मेरा हुलिया तो देखिये! क्या कामेडी बनाने का इरादा है?’

‘हां, ऐसी कामेडी कि आप हंसते-हंसते रॊ पडॆं।’

पिछली सदी के आखिरी दहेके में बस यूं ही कागज़ के एक टुकडे पर लिखना शुरू कर दिया- ‘दादा की उंगली पकडे एक लडका।’ इस पुर्ज़े को पढकर न कोई हंसा न कोई रोया। हां लदन में एक साहबे फ़हम माजिद अली अह्ले सुख़न की नज़र इस पुर्ज़ॆ पर लिखी इबारत पर पडी। एमएफ़ से कहा ‘आप ये फ़िल्म स्क्रिप्ट छोडें और अपनी कहानी को किताब की शक्ल दें तो बॆहतर है।’ इस बात पर हिम्मत बंधी, और कहीं नहीं बैठा बस चलते-फिरते लिखता ही गया। चार-पांच साल के बाद पुर्ज़ों का एक ज़ख़ीम पुलिंदा बग़ल में दबाये प्रेस की तरफ़ छपवाने चला कि अचानक रास्ते में किसी ने पूछा ‘हम आपके हैं कौन?’ तो एमएफ़ की बग़ल से वो पुलिंदा फिसल पडा।’

उसे बीच रास्ता छॊड सात साल तक ग़ायब।

हम आपके हैं कौन सवाल पर जवाबन गजगामिनी फ़िल्म बना डाली। लौटे तो वो पुलिंदा उसी रास्ते पर पडा मिला। किताब छप गयी। लॊगों ने हिंदी में पढी, अंगरेज़ी में पढी और अब बंग्ला और गुजराती में पढी जायेगी।

लेकिन फिर किसी ने कहा कि कहानी पढने से ज़्यादा सुनने में अच्छी लगती है। याद हैं वो दादी अम्मा-नानी अम्मा की कहानियां! जिन्हें सुनते-सुनते बचपन मीठी नींद सॊ जाया करता।

आख़िर में मिलते हैं इरफ़ान साहब, जो मेरी कहानी को ज़बान देते हैं, जिसे आप चलते-फिरते कहीं भी सुन सकते हैं।

तो, आइये और सुनिये एमएफ़ हुसेन की कहानी।”

Text and Voice M.F. Husain

Conceived, Produced and Presented by Irfan