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Recorded in New Delhi on 21 June 2016

Irfan talking to the playwright, actor and theatre director Suman Kumar on actor's preparations and h/is/er responsibilities.

एक्टिंग एक क्राफ्ट है ? या इसे आर्ट कहना चाहिए ? एक एक्टर को किन किन ढंके-छुपे सवालों से जूझना चाहिए और एक्टिंग थियरीज़ के सभी आम और ख़ास पहलू किन ज़रूरी बिंदुओं की तरफ इशारा करते हैं ? और एक्टर को अपने विकास के लिए किन बातों से नज़रें नहीं चुराना चाहिए? ... यही सब बातें हैं जो मैंने खुद एक कुशल रंगकर्मी  सुमन कुमार से की हैं।

सुमन कुमार 1993 में दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय आ गए थे जहां से उन्होंने नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, स्वानंद किरकिरे, सुब्रत दत्ता और गीतांजलि कुलकर्णी के साथ रंगकर्म की शिक्षा ली है।  1996 में सुमन कुमार डेनमार्क गए जहां हैंस एंडरसन की कहानियों पर आधारित नाटकों की प्रस्तुतियां कीं।

सुमन कुमार ने 1998 के साल में लंदन के माउंट व्यू थियेटर स्कूल से थियेटर डिजाइन का कोर्स किया फिर दिल्ली लौटने के बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यहां पढ़ाते रहे और विविध रंग गतिविधियों के केंद्र में रहे। आजकल वो संगीत नाटक अकादमी और कत्थक केंद्र दिल्ली में महत्वपूर्ण पदों पर हैं और कलाकर्म के विविध पक्षों पर न सिर्फ विचार मंथन में संलग्न हैं बल्कि कला गतिविधियों के विस्तार को अमली जामा पहनाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

Photo and Cover Art: Irfan