यह कहानी भारतीय महिला पहलवान गुरशरणप्रीत कौर की है जिनके हौसले की कहानी बहुत ही प्रेरणादाई है। यह कहानी किसी फ़िल्मी पर्दे की कहानी जैसी लगती है पर ज़रा सोचिए कोई औरत जो खुद एक पुलिसवाली हो, पहलवान हो वो महिला अपना घर बचाने के लिए अपनी शादी बचाने के लिए अपने पति और ससुराल वालों के जुर्म क्यू झेलती रहती है। गुरशरणप्रीत के पति उन्हें मारते थे कि वे सिर्फ़ घर पर रहे अपनी पुलिस वाली ड़ूटी करे और रेस्लिंग को हमेशा के लिए छोड़ दे और गुरशरण ने किया भी ऐसा। लेकिन पानी तब सर के ऊपर निकल गया जब बेटी पैदा होने पर गुरशरण के परिवार वालों ने उन्हें ना सिर्फ़ मारा पर यहां तक की उनको कमरे में बंद कर दिया और खाना तक नहीं देते थे। उनके ससुराल वाले यहां पर रुके नहीं उन्होंने गुरशरण की बेटी निमरत को मारने तक की कोशिश की। एक दिन जब गुरशरण ने अपनी बेटी को मारने का प्लान सुना और यहाँ तक सुना कि अगर गुरशरण बीच में आती है तो उसको भी मार देंगे तो वो इतना डर गयी की उन्होंने अपने भाई को रात में फ़ोन कर बुलाया ताकि वो उन्हें वहाँ से लेकर जा सके। गुरशरण के वापस अपनी माँ के घर आ जाने के बाद उनके पति ने उन्हें फ़ोन कर कहा कि मुझमें और बेटी निमरत में से गुरशरण किसी एक को चुन लो तो गुरशरण ने यह कहा कि मैने अपनी बेटी चुन ली है। बस फिर क्या था 2018 में 35 साल की उम्र में गुरशरण ने रेस्लिंग में वापसी की और इतना ही नहीं उन्होंने अब तक 8-9 medal भी जीत लिए है। इसी साल हुई Asian Championship 2020 में 72 किलोग्राम भार वर्ग में गुरशरण ने कांस्य पदक जीतकर एक नया इतिहास रच दिया। गुरशरण का सपना है कि वो देश के लिए Olympics में medal जीत देश का नाम रोशन करे और इसके लिए वे जीतोड़ मेहनत भी कर रही है। तो आइए मिलते है International Wrestler गुरशरणप्रीत कौर से
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