10.धन्य हैं वे जो धार्मिकता के लिए सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
11.धन्य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, तुम्हें यातना दें और झूठ बोल-बोल कर के तुम्हारे विरुद सब प्रकार की बातें कहें-
12.आनन्दित और मग्न हो, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारा प्रतिफल महान है। उन्होंने तो उन नबियों को भी जो तुमसे पहिले हुए इसी प्रकार सताया था।
मत्ती 5:10-12
Title: The Disciples of Jesus rejoice when persecuted!
Matthew 5:10-12
https://youtu.be/ntxa4PriPxY