उसके नाम के लिए एक प्रजा
A People for His NameA People for His Name.
“शमौन ने बताया है कि परमेश्वर ने अपने नाम के लिए बहुत दिनों पूर्व ग़ैरयहूदियों में से एक प्रजा को कैसे चुन लिया।” (प्रेरितों के काम 15:14)
कलीसिया को मिशन के लिए प्रेरित करने में, परमेश्वर के नाम के अर्थात् उसकी ख्याति के केन्द्रीय महत्व पर अत्यधिक बल देना लगभग असम्भव है।
जब प्रेरितों के काम 10 में अशुद्ध पशुओं के दर्शन के द्वारा, और परमेश्वर से यह सीख लेने के बाद कि उसको यहूदियों के साथ-साथ गैरयहूदियों के मध्य भी सुसमाचार प्रचार करना चाहिए, तो पतरस का संसार उथल-पुथल हो गया था, उसके बाद वह यरूशलेम को लौटा और उसने प्रेरितों को बताया कि यह सब कुछ परमेश्वर के जो अपने नाम के लिए धुन में है उसके कारण था। हम यह जानते हैं क्योंकि याकूब ने पतरस की बात को इस रीति से सारांशित किया: “भाइयो, मेरी सुनो! शमौन ने बताया है कि परमेश्वर ने अपने नाम के लिए बहुत दिनों पूर्व ग़ैरयहूदियों में से एक प्रजा को कैसे चुन लिया” (प्रेरितों के काम 15:13-14)।
यह आश्चर्यजनक नहीं है कि पतरस ने कहा कि परमेश्वर का उद्देश्य था अपने नाम के लिए एक प्रजा एकत्रित करना; क्योंकि प्रभु यीशु ने कुछ वर्ष पूर्व पतरस को एक अविस्मरणीय शिक्षा से प्रभावित किया था।