दिन निकलने पर है
The Day Is at Hand.
यह दुख उठा रहे ख्रीष्टियों के लिए आशा का एक वचन है। यह उन ख्रीष्टियों के लिए आशा का एक वचन है जो अपने पाप से घृणा करते हैं और उस समय के लिए लालसा करते हैं जब वे पाप करना बन्द कर देंगे। यह उन ख्रीष्टियों के लिए आशा का एक वचन है जो उस समय के लिए लालसा करते हैं जब अन्तिम शत्रु मृत्यु पराजित किया जाएगा और आग की झील में फेंका जाएगा (प्रकाशितवाक्य 20:14)।
यह उन सब के लिए आशा का एक वचन कैसे है?
“रात्रि” इस अन्धकार के युग को दर्शाती है, जो पाप और कष्ट और मृत्यु से भरा हुआ है। और पौलुस उसके विषय में क्या कहता है? “रात्रि प्रायः बीत चुकी है।” पाप और कष्ट और मृत्यु का युग लगभग व्यय किया गया है। धार्मिकता और शान्ति और सम्पूर्ण आनन्द के दिन का उदय हो रहा है।
आप कह सकते हैं, “2,000 वर्ष तो एक बहुत लम्बे भोर के समान प्रतीत होते हैं।” एक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह ऐसा ही है। और हम पुकारते हैं, कब तक हे प्रभु, कब तक आप इसको ऐसे ही चलते रहने देंगे? परन्तु बाइबलीय सोचने की रीति, “कब तक!” के इस विलाप से आगे बढ़ता है। यह विश्व के इतिहास को भिन्न रीति से देखती है।