क्रान्तिकारी प्रेम की कुँजी
The Key to Radical Love.
“धन्य हो तुम, जब लोग मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, तुम्हें यातना दें और झूठ बोल बोल कर तुम्हारे विरुद्ध सब प्रकार की बातें कहें: आनन्दित और मग्न हो, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारा प्रतिफल महान है। उन्होंने तो उन नबियों को भी जो तुमसे पहिले हुए इसी प्रकार सताया था” (मत्ती 5:11-12)।
मत्ती 5:44 से अपने शत्रुओं से प्रेम करो पर प्रचार करते हुए मैंने कई प्रश्नों में एक प्रश्न यह पूछा कि आप उन लोगों से कैसे प्रेम करेंगे जो आपका अपहरण कर लें और बाद में आपका घात करें?
हम यह कैसे कर सकते हैं? इस प्रकार का प्रेम करने की सामर्थ्य कहाँ से आती है? आप यह सोचिए कि वास्तविक संसार में जब ऐसा होगा तो यह कितनी ही चौंकाने वाली बात होगी! क्या इस विचार के अतिरिक्त कुछ और है जो ख्रीष्ट के सत्य और सामर्थ्य और वास्तविकता को दिखा सकता है?
मेरा मानना है कि यीशु हमें इस क्रान्तिकारी, आत्मत्याग करने वाले प्रेम की कुँजी देता है जिसका इसी अध्याय में आगे चलकर मत्ती 5:44 में वर्णन पाया जाता है।