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विवाह समारोह : अपनी क्षमता से अधिक व्यय न करें

Weddings: Don’t Break the Bank.

श्रुति लेख (Audio Transcript)

भाई समीर यह पूछना चाहते हैं: “प्रिय पास्टर जॉन, कुछ ही समय पहले के एक लेख में, आपने लिखा था कि: ‘पास्टरों को ऐसा कलीसियाई प्रचलन विकसित करने के मार्ग में अगुवाई करनी चाहिए, जहाँ महँगे अन्तिम संस्कार (और मँहगे विवाह समारोह!), मानक न बन जाएँ। यह ऐसी बात है जिस पर मैंने पहले अधिक विचार नहीं किया था, और न ही उसकी सराहना की थी। धन्यवाद! मैं आशा कर रहा था कि आप महँगे विवाह समारोहों के विषय पर अधिक स्पष्ट रूप से बोलेंगे। हम ‘ख्रीष्ट-की-बड़ाई करने वाले, एक सादे विवाह समारोह’ को कैसे आयोजित कर सकते हैं?”

समाज के विपरीत जाएँ

मैं कुछ ही समय में युगलों से आग्रह करूँगा कि वे इस सम्बन्ध में अपने समाज के विपरीत जाने का साहस करें—क्योंकि इसी की उन्हें आवश्यकता पड़ेगी—परन्तु उस लेख में मैं मुख्य रूप से पास्टरों से निवेदन कर रहा हूँ कि वे ऐसी शिक्षा देने और प्रचार करने और कलीसिया में सादगी की ऐसी संस्कृति का निर्माण करने में सहायता प्रदान करने में पहल करें, जो कि विवाह समारोह में प्रभु यीशु को; ख्रीष्ट-की-बड़ाई करने वाले विवाह के अर्थ को; प्रतिज्ञाओं के अद्भुत महत्व को; और लोगों तथा उन प्रेमियों की बहुमूल्यता को विवाह समारोह का केन्द्र बिन्दु बनाएँ, न  कि कपड़े, फूल, विवाह स्थल, संगीत, और न ही उस बड़े, मनोहर प्रीतिभोज तथा उस सम्पूर्ण प्रस्तुतिकरण को, जो कि बाद में विवाह में होने वाले परमेश्वर के वास्तविक कार्य की भूमिका को कम महत्वपूर्ण प्रतीत कराएँ। मुझे यह बात दुखद प्रतीत होती है।