भगवान श्री कृष्ण ,पांडवों का अज्ञातवास पूर्ण होने के बाद जब राज्य बंटवारे का सन्देश दुर्योधन के पास लेकर जाते हैँ। दुर्योधन एक तृणमात्र भी देने से मना कर देता है और श्री कृष्ण को अपमानित करता है। .इससे भगवान क्रोधित हो जाते हैं। .. इसी प्रसंग को श्री रामधारी सिंह दिनकर जी अतुलनीय वर्णन किया है।