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Description

इस सेशन में ज्योतिष के उपचय भाव (3, 6, 10, 11 भाव) के महत्व को विस्तार से समझाया गया है। जानें:

- शनि और मंगल का तीसरे भाव में प्रभाव

- पांच ग्रह अपनी राशि या नवमांश में उच्च के होने पर इसका विश्लेषण

- गुरु का मेष राशि में गोचर और अनियोजित यात्राओं का कारण

- परिवार के अधिकांश सदस्यों की साढ़ेसाती एक समय पर होने का प्रभाव

- उपचय भाव के स्वामी केंद्र त्रिकोण में होने पर कैसे देखें

- उपचय भाव में 5 या ज्यादा ग्रह होने पर जातक का जीवन कैसा रहेगा

- छठे भाव का स्वामी चंद्र प्रथम भाव में होने के परिणाम

- सिंह लग्न में शनि और शुक्र छठे भाव में होने के परिणाम