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Description

वक़्त कहाँ किसीसे
संभला है,
सैकडों तो धोखे में ही
जी लिए,
धोखे में सागर कई
हमने भी,
वक़्त बेवक़्त पी लिये..

शहरयार नीरज......

#shaheryarniraj