जब गलती से नितेश शमशान घाट की एक कबर में बैठ गया, फिर क्या हुआ ? नॉएडा की सच्ची घटना 2019 बात है साल 2019 की, नितेश जी शमशान घाट की नौकरी इच्छा पूर्वक कर रहे थे, उनको पैसो की कमी थी इसीलिए उनको ये नौकरी मजबूरन लेनी पड़ी, हालांकि उनके परिवार में पहले किसी ने ये काम नहीं किया था। उनका परिवार UP में स्तिथ azamgarh में था, जहा उनकी पत्नी उनके दो बच्चो को संभाल रही थी और उनको साथ था नितेश की माँ का। दोस्तों नितेश जी शमशान घाट में आये सभी लाशो का क्रिया कर्म करते थे और वहा मौजूद पंडित जी की मदद किया करते थे। रात होते ही नितेश जी को शमशान घाट में ही सोना पड़ता था क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे की वो कोई सोने की जगह ढूंढ सके। दोस्तों एक रात सोते समय नितेश जी को अपनी छाती पर दबाव महसूस होने लगा, जब उन्होंने उठना चाहा तो उनके हाथ पैर उनका साथ नहीं दे रहे थे, मानो की उनके हाथ पैर किसी और के वश में थे। निशांत जी की तबियत बिगड़ने लगी, उनको सांस कम आरही थी और वो बेचैन हो रहे थे, थोड़ी देर बाद मानो वो दबाव उनके ऊपर से चला गया, निशांत जी को राहत मिली और वो सो गए। आने वाले कुछ दिंनो में निशांत जी के साथ ये प्रक्रिया कई बार हुई, उनके शरीर के ऊपर दबाव पड़ता और वो हिल नहीं पाते।