गंगूबाई ने अपने जीवन में न सिर्फ सेक्स वर्कर्स के लिए काम किया, बल्कि अनाथ बच्चों के लिए भी सहारा बनी। गंगूबाई ने कई बच्चों को गोद लिया। ये बच्चे या तो अनाथ थे या बेघर। इन बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी गंगूबाई की थी। गंगूबाई ने सेक्स वर्कर्स के अधिकार और हितों के लिए अपनी आवाज खूब बुलंद की। मुंबई के आजाद मैदान में सेक्स वर्कर्स के हक में गंगूबाई का भाषण वहां के हर छोटे-बड़े अखबारों की सुर्खियां बनीं। हुसैन जैदी की किताब में जिक्र है कि गंगूबाई उस वक्त देश के प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू से भी मिली थीं।