एक बार उन्होंने पुणे में एक विधवा को हीरे की अंगूठी दे दी थी। सहगल बिना शराब पिए नहीं गाते थे। 'शाहजहां' के दौरान नौशाद ने उनसे बिना शराब पिए गवाया, और उसके बाद सहगल की जिद पर वही गाना शराब पिलाकर गवाया। बिना पिए वह ज्यादा अच्छा गा रहे थे। उन्होंने नौशाद से कहा, 'आप मेरी जिंदगी में पहले क्यों नहीं आए? अब तो बहुत देर हो गई। सहगल को खाना बनाने का बहुत शौक था।