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Description

एक नासमझ अल्प वयस्क लड़की की कहानी, जिससे उसकी माँ जिस्म फ़रोशी कराती है, और वो इसे एक सामान्य कार्य समझती है जो एक दिन अपने ख़रीददारों के साथ बिताई सुखद शाम से आनंदित हो उनके दिए दस रुपए भी उन्हें लौटा देती है ।