निकलते हुये सूरज को देखना, फूलों को देखना, सुन्दर पहाड़, झरने आदि किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकते है। ये सभी उदाहरण हैं जिससे कोई व्यक्ति खुशियों को महसूस कर सकता है। अनगिनत उत्तेजनायें है जिसके माध्यम से खुशी हासिल की जा जाती है, भले ही वे भौतिक हो या भावनात्मक हों। किसी भी खुशी की कोई सामान्य परिभाषा नहीं होती है। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी धारणा होती है कि उसके लिये खुशी क्या है? और ख़ुशी कोई ढूंडने की वास्तु नहीं यह एहसास करने से जीवन में आता है। (Voice over Harsha Thakker) और ऐसी ही अनेक बातें.. जानने के लिए सुनते रहिए.. टाटा..Bby ..take care.. See you..Save trees🌲🌳🌴Stay tune.. Stay Safe.. 👍