<html >
<html>
<body>
<pstyle="color:red;">भक्ति क्या है यह हम नहीं जानते सिर्फ रात दिन भजन पूजन में लगे रहते हे </p> <br> <p> संत ज्ञानेश्वर एक बड़े ज्ञानी थे उनकी भक्ति के आगे बड़े बड़े संत शीश नवाते थे </p>
<pp style="color:blue;"> संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान् संतों एवं मराठी कवियों में होती है। संत ज्ञानेश्वर का जन्म 1275 ई. में महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में पैठण के पास आपेगांव में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। इनके पिता का नाम विट्ठल पंत तथा माता का नाम रुक्मिणी बाई था। संत ज्ञानेश्वर की जयंती 24 अगस्त को मनाई जाती है।</p>
योगी और कृष्णभक्त ज्ञानेश्वर
पंद्रह वर्ष की उम्र में ही ज्ञानेश्वर कृष्णभक्त और योगी बन चुके थे। बड़े भाई निवृत्तिनाथ के कहने पर उन्होंने एक वर्ष के अंदर ही भगवद्गीता पर टीका लिख डाली। ‘ज्ञानेश्वरी’ नाम का यह ग्रंथ मराठी भाषा का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है। यह ग्रंथ दस हजार पद्यों में लिखा गया है। यह भी अद्वैत-वादी रचना है और यह योग पर भी बल देती है। 28 अभंगों (छंदों) की इन्होंने 'हरिपाठ' नामक एक पुस्तिका लिखी है, जिस पर भागवतमत का प्रभाव है। मराठी संतों में संत ज्ञानेश्वर प्रमुख माने जाते हैं