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इंसान की कुंडली में 12 भाव यानी 12 खाने होते हैं। वे सभी अलग-अलग ग्रह और राशि से संबंध रखते हैं जिनका व्यक्ति के जीवन से सीधा संबंध होता है।*
*कुंडली के सप्तम भाव से व्यक्ति के विवाह, जीवन साथी, ससुराल से धन प्राप्ति, विदेश यात्रा आदि बातों पर विचार किया जाता है। यहां पत्रिका कुंडली के सप्तम भाव के आधार पर किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कैसा हो सकता है, ये सब बताया जा रहा है।ये होना चाहिए कुंडली में*
*1- यदि कुंडली के सप्तम भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि का शुक्र विराज मान हो तो ऐसे व्यक्ति का जीवन साथी सुख समृद्धि धन एश्वर्य आदि से परिपूर्ण होता है। तथा कला जगत में अपना नाम रोशन करने वाला होता है।*
*2- यदि सप्तम भाव या सप्तमेश पर उच्च राशि में सूर्य का प्रभाव हो तो ऐसे जातक का जीवन साथी राज्य अधिकार प्राप्त करने वाला तथा ख्याति प्राप्त करने वाला मनुष्य होता है।*
*3- जिस व्यक्ति की कुंडली में सातवें भाव या सप्तमेश पर स्व राशि या उच्च राशि का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी राजनीति, कला, मनोविज्ञान एवं खाद्य एवं पेय पदार्थों के कामों में रूचि लेने वाले तथा विशेष रूप से धन एवं नाम प्राप्त करने वाले होते है।*
*4- जिस जातक की कुंडली के सातवें भाव पर स्व राशि एवं उच्च राशि पर मंगल का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी लड़ाकू, क्रोधी, आवेशी, जिद्दी एवं हटी होने के साथ-साथ पुलिस, सेना, मलेट्री आदि में विशेष नाम यश एवं क्रीति प्राप्त करते है।*
*5- जिस व्यक्ति की कुंडली के सांतवे भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर बुध का प्रभाव होता है वह व्यक्ति का जीवन साथी कानून ज्ञाता होता है।*
*6- जिस व्यक्ति के सांतवे भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर गुरु का प्रभाव होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन साथी धार्मिक क्षेत्रों में नाम कमाता है।*
*7- जिस व्यक्ति के सातवे भाव पर स्व राशि अथवा उच्च राशि पर शनि का प्रभाव होता है। ऐसे का व्यक्ति जीवन साथी बड़े दांत वाला, मोटी जांघों वाला, भूमि-भवन से विशेष लगाव रखने वाला और जीवन में प्राप्त करने वाला होता है।*
*8.यदि कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी अष्टम में हो तथा लग्न भाव का स्वामी शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की शादी 25वें वर्ष में होती है।*
*ये ग्रह बनाते है शुभ-*
*यदि व्यक्ति की कुंडली कुंभ लग्न की हो और सूर्य पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो विवाह अमीर घराने में होता है।*
*यदि कुंडली के सप्तम भाव में वृष राशि हो और शुक्र तथा चंद्र सम राशियों में हो तो व्यक्ति को सुंदर जीवन साथी मिलता है।*
*यदि सप्तम भाव पर सप्तम भाव के स्वामी, शुक्र पर चतुर्थ भाव के स्वामी और चंद्र का प्रभाव हो तो व्यक्ति का विवाह माता पक्ष यानी ननिहाल के किसी रिश्तेदार से होने की संभावना होती है।*
*यदि सप्तम भाव के स्वामी पर शुभ ग्रह की दृष्टि हो और शुक्र अपनी उच्च राशि में या स्वराशि में हो तो व्यक्ति की शादी 18, 19 या 20 की उम्र में हो जाती है।*
*कुंडली में सूर्य सप्तम भाव में हो और सप्तम भाव का स्वामी शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की शादी कम आयु में हो जाती है।*
*यदि शुक्र लग्न से केंद्र में हो और शुक्र से शनि सप्तम भाव में तो व्यक्ति का विवाह 22 से 28 वर्ष के बीच होता है।*
*यदि सप्तम भाव के स्वामी और लग्न भाव के स्वामी का राशि परिवर्तन योग हो या एक-दूसरे को देखते हों तो विवाह कम आयु में होता है।*
*यदि शुक्र सप्तम या नवम भाव में हो और शुक्र से सप्तम भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो तो विवाह 27 से 30 वर्ष की उम्र में होता है।*
*मनुष्य के जीवन में कुंडली का खास महत्व होता है। इससे आने वाले कल के बारे में आभास किया जा सकता है। जीवन में कैसा दौर आने-वाला है अथवा अपका जीवन साथी कैसा होगा। इन सबकी जानकारी कुंडली के सप्तम भाव के आधार पर जानी जा सकती है।*

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* A person's horoscope consists of 12 house . . They all belong to different planets and zodiacs, which are directly related to the person's life. *
* The seventh house of horoscope considers the marriage, life partner, in-laws' wealth, travel abroad etc. Here, according to the seventh house of the magazine horoscope, how can a person's marital life be told, this should be done in the horoscope *
* 1- If the seventh house of the horoscope is considered as auspicious or auspicious of Venus of a higher zodiac, then such a person's life partner is full of happiness, prosperity, wealth etc. And in the world of art, one has to make his name bright. *
* 2- If there is influence of the Sun in the higher zodiac on the seventh house or the seventh house, then the life partner