लोग क्या कहेंगे इसे सोचते सोचते बहुत तेज STARTUPS फेल हो गए बहुत से STARTUPS शुरू ही नहीं हुए और बहुत से STUDENTS कि यह सोचते सोचते लाइफ खराब हो गई कि लोग क्या कहेंगे। हमारी SOCIETY ने, हमारे घर वालों ने हमारे MIND में इतनी अच्छी तरह से यह फिट किया है कि हम कुछ भी नया शुरू करने से पहले इस चीज के बारे में जरूर सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे। जो यह शब्द है लोग क्या कहेंगे इसे बहुत से लोगों की LIFE बर्बाद करके रख दी है। लोग अपने ही घर में घुट घुट के जीने लगे हैं इस डर से कि लोग क्या कहेंगे। और हम अपनी लाइफ के डिसीजन उन लोगों के कहने से ले रहे हैं जिनसे हमें कोई मतलब नहीं है झूठ बोलती है बहुत बार जानबूझकर और बहुत बार अनजाने में खुद उस टॉपिक पर होती है उन्हें तो सिर्फ अपनी बात रखनी है कोई मतलब नहीं कि सामने वाले को कैसा फील रहा है। लोग कहते हैं अच्छे मार्क्स लाओ तुम इतनी अच्छी नौकरी मिलेगी तुम ज्यादा पोस्ट करो तो तुम्हारे साथ ऐसा होगा। और हम उनकी बात मान के वर्क करने लग जाते हैं फिर हमारे साथ क्या होता है 10 लाख खर्च करके हमें 10 हजार के नौकरी मिलना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि हमने उन लोगों की बात सुनी है हमने अपनी पहचान को फॉलो नहीं करा अगर किया होता तो शायद आज हमारा खुद का बिजनेस होता या जो हम काम कर रहे होते उसमें हमें सक्सेस मिल जाती इस खोखले समाज की बातों को सुनकर हमने अपनी पूरी लाइफ खराब कर दी है और जो देख रहे हैं एक बात सुन लेना लाइफ में क्या करना है क्या बनना है कोई जरूरत नहीं है इस खोखले समाज की बातों में आकर अपनी लाइफ को जीना। अपने पैशन को फॉलो करो और वही करो जो तुम करना चाहते हो पूरा मन लगाकर करो क्योंकि अगर तुम एक बार सक्सेस हो गए तो जितने भी तुम्हारे ऊपर ही क्वेश्चन आउट रहे हैं तो मैं क्यों नहीं कर रहा है लोग यह कर रहे हैं तू भी है उनके जैसा कर। तू उल्टी गंगा बहा रहा है। देख उसके इतने अच्छे मार्क्स आ रहे हैं 95% और तेरे 90 %सिर्फ पाच परसेंट के लिए हमारे घर वाले हमारा जीना हराम कर देते हैं उन्हें यह नहीं पता उतना बे परसेंट आने के पीछे भी हमने कितनी मेहनत करी है यह लाइफ एक कंपटीशन की तरह है क्या हुआ अगर हमारे पास परसेंट कम आए तो अगली बार हम उसको रिकवर कर लेंगे यह मुझसे आगे आकर लीड कर लेंगे और बार-बार यह ताने सुनाना बंद करो। मिडिल क्लास फैमिली की यही प्रॉब्लम है कि अपनी लाइफ में खुशी हो या ना हो दूसरों को दिखाना जरूरी है कि हम खुश हैं । आजकल कैसे डिजिटल वर्ल्ड में हम सभी की प्रोफाइल सोशल मीडिया में है आजकल किसी को भी जानना हो तो उसकी प्रोफाइल चेक कर लेना एक बार । उसके बारे में व्हाट्सएप पता चल जाएगा क्योंकि क्या पसंद है क्या ना पसंद है वह कहां जाने वाला है और अभी कहां है। आजकल सभी की प्रोफाइल इंटरनेट में अपलोडेड है हम क्या खाते हैं क्या पहनते हैं अपने रिलेशनशिप स्टेटस कैसा है उसके बारे में सब अपडेटेड रखते हैं फिर अगर कोई नेगेटिव कमेंट आता है तो उसके सोचते हम परेशान हो जाते हैं हम उस बंदे को जानते भी नहीं। वह हमारे सामने है भी नहीं फिर भी उससे बहस करने में लगे रहते हैं उसके चक्कर में हम अपना टाइम और पावर दोनों ही बर्बाद करते हैं। हम लोग दूसरों को खुश करने में लगे रहते हैं हम अपने आप को खुश रखे नहीं जी सकते आखिर आजकल क्या चीज है जिसकी वजह से हम अपने से ज्यादा दूसरों को ध्यान रखने लग गए हैं ऐसी क्या चीज हैजिसकी वजह से छोटी से छोटी बात में हमारी बहस हो जाती है। तो इसलिए आज तो दुनिया की बात सुन अब बंद करो इग्नोर करो दूसरे क्या कहते हैं अपने काम में ध्यान दो फोकस ऑन योर ओन बिजनेस एकदम हैंडल देहरादून । ऐसे इंसान से नेट बंद करो जो अपनी लाइफ में कुछ तो कर नहीं पाया और तुम एडवाइस देता फिर रहा है। उसके एडवाइज हो सकती है कि तुम भी उसी के जैसे हो जाओगे कुछ सालों में आप क्या गलत है उसके बारे में सोचो। मेरे साथ एक बार इन लाइनों को रिपीट करना मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सोसाइटी मेरे बारे में क्या बोलेगी मेरे घरवाले मुझे काफी कुछ सुनाते हैं लेकिन मैं सोसाइटी के प्रेशर से अपने ड्रीम को नहीं छोडूंगा क्योंकि मुझे अपने घर को भी हैंडल करना है सोसाइटी की थोड़ी ना करेगी सोसाइटी वाले तो बोलते रहेंगे क्योंकि उनका काम ही है बोलना तो मैं बस एक छोटी सी स्माइल देता हूं और वहां से चुपचाप चले जाता हूं उनकी बातों का आंसर मेरी सक्सेस देगी। और सकती ऐसा आंसर है कि लोग भी भूल जाएगी क्वेश्चन क्या था।