कल्याणानाम् अविकल निधिः काऽपि कारुण्य सीमा
नित्यामोदा निगम वचसां मौलि मन्दार माला।
संपद् दिव्या मधु विजयिनः सन्निधत्तां सदा मे
सैषा देवी सकल भुवन प्रार्थना कामधेनुः॥ २४॥ text source: http://srivaishnavism.redzambala.com/ Image source: google