मन जैसी सोच वैसा मन, पर मन सोचता नहीं है जैसा हम सोचें वैसा मन बनता है
मन हर बार बनाया जा सकता है वैसा की जैसा हम चाहे मन कोई दिल नहीं है जिसकी कोई जगह हो मन कोई मस्तिष्क भी नहीं है जिसका अपना एक प्रभुत्व है लेकिन फिर भी मन इन सब से शक्तिशाली है मन की शक्ति ऐसी की जैसा हम सोचें वैसा मन हो जाता है और वैसे ही हम भी हो जाते हैं तो जितना सकारात्मक हम सोचेंगे मन उतनी ही सकारात्मक शक्ति वाला होगा और वैसा ही होगा जैसा हम सोचेंगे
बडे़ से बड़ा बनने के लिए अच्छे से अच्छा सोचना और करना होगा