21छोटी भले मैं तो व्रजकी ही रज हूँ, चरण स्पर्शसे मैं विराट् भई हूँ। ब्रज रजकी महिमा सुनाने मैं आई, ब्रज रजकी महिमा सुनाने मैं आई।