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Description

श्रीमद्भागवत माहात्म्य,प्रथम अध्याय, प्रथम श्लोक।
सच्चिदानंद रुपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे।
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम् नुम:।