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*लेकिन बीज किसने बोया* ?

- कर्म के फल पीछा नहीं छोड़ते जाने अनजाने में कितने लोग हमारे व्यवहार से त्रस्त होते हैं, परेशान होते हैं और कितनों का तो बहुत

नुकसान भी हो जाता है। पर हमें तो उसका अंदाजा भी नहीं होता, क्योंकि हम तो अपनी मस्ती में

ही मस्त है।

पर ईश्वर सब देखता है और उसका फल फिर किसी ओर के निमित्त से

हमें मिलता है, और हमें लगता है कि लोग हमें बेवजह ही परेशान कर रहे