रेडियो केवल संचार का माध्यम नहीं है, बल्कि एक अनूठी अनुभूति और प्रेम भरा रिश्ता है।
आज विश्व रेडियो दिवस है। रेडियो के महत्व के बारे में लोगों और मीडिया में जागरुकता बढ़ाने और रेडियो के माध्यम से सूचना तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष 13 फरवरी को रेडियो दिवस मनाया जाता है। रेडियो दिवस प्रसारण की असीम क्षमता को रेखांकित करने का भी दिन है। हम सबके जीवन को कई रोमांचक और भावनात्मक पलों का साक्षी बनाने वाले रेडियो के लिए आज यानि 13 फरवरी का दिन विशेष स्थान रखता है। यूनेस्को ने पहली बार 13 फरवरी 2012 को विश्व रेडियो दिवस मनाया। तब से लेकर आज तक दुनिया भर में इसी दिन विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा। हर वर्ष विश्व रेडियो दिवस की खास थीम होती है। इस बार की थीम है - रेडियो और विश्वास।
सच ही तो है हम सबके विश्वास का प्रतीक है रेडियो। रेडियो ने अब तक की अपनी यात्रा में सबका साथ निभाया है। हर उम्र के लोगों का दोस्त। बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के ध्येय वाक्य के साथ आकाशवाणी देश की 23 प्रमुख भाषाओं और 181 बोलियों में प्रसारण कर रहा है, इसी प्रकार निजी रेडिओ चैनल भी लोगो के बीच अपनी लोकप्रियता बना चुके हैं । अब तो जमाना डिजिटल रेडियो का है। मोबाइल में सवार रेडियो श्रोताओं की जेब में रहता है, कार में बजता है। दिन रात सुबह शाम। शोर भरे ट्रैफिक से लेकर शांत पड़े गांव तक। आधुनिक समय की जरूरत को समझते हुए हर बीतते दिन के साथ रेडिओ सशक्त, बेहतर और प्रभावी होता जा रहा है।
आज रेडियो मोबाइल में भी है। गाड़ी में भी। घर पर तो कई रूपों में है।
मोबाइल एप के रूप में भी है और वेब स्ट्रीमिंग के रूप में भी।
रेडिओ ने कभी सरहदों के दायरे नहीं माने। आवाज़ें सरहदों और समंदर के आर पार छनती रहीं। रेडियो ने दिलों को जोड़ा। रेडियो दिल में उतरा। ज़िंदगी का सुरीला साथी बना। आपदाओं में रेडियो सूचना का ज़रिया बना। नागरिकों के विशेष नाहुभावों का साक्षी बना रेडियो हमारे आपके जीवन से विदा नहीं हुआ। कम या ज्यादा होती अहमियत से परे वह कल भी था आज भी है और भरोसे के साथ कहा जा सकता है आने वाले कल में भी लोकप्रिय बना रहेगा।
देश के प्रधानमंत्री भी रेडियो को ही अपने मन की बात कहने का सशक्त माध्यम मानते हैं उनके प्रयासों से आज सुचना और मनोरंजन की पहचान रेडिओ और अधिक लोकप्रिय बन गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी रेडियो दिवस पर अपने विचार व्यक्त कर कहा की रेडियो हमारे लिए केवल संचार का माध्यम नहीं है, बल्कि एक अनूठी अनुभूति है, प्रेम भरा रिश्ता है। हमारे समय में गांव की चौपाल या किसी पेड़ के नीचे एक ही रेडियो के आसपास बैठकर हम सब लोग खेल कमेंट्री और समाचार सुना करते थे। वो यादें आज भी हमारे लिए अमूल्य हैं।