चन्देलों की बेटी थी, गौंडवाने की रानी थी,
चण्डी थी, रणचण्डी थी, वह दुर्गावती भवानी थी।
मातृभूमि और आत्मगौरव की रक्षक, शौर्य एवं साहस का पर्याय, महान वीरांगना रानी दुर्गावती जी की जयंती पर शत शत नमन!