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मोरे पिया

मोरे पिया

कहे मोरा जिया

रहा न जाये

तुम्हें पुकारे

मतवारी इठलाती

सावन की रात

कहा न जाये कुछ

याद आये तुम

तुम ही हो सब कुछ मेरा

ऊँ तरा ऊँ तरा ऊँ तरा रा ऊँ तरा रा ऊँ

सुहागिन सपने

लगे जो अपने

सिंदूरी रातें

कहे जो बातें

अग्नि के आगे

मुझे अपनाते

तुम जो चाहते

माँग सजाते

विधि के नाते

मुझे तुम ब्याहते

काँच की चूड़ियाँ

खन-खना-खन-खना खन-खना

मोरे पिया

कहे मोरा जिया

रहा न जाये

तुम्हें पुकारे

फागुन में खिली

मैं पंखुरिया

कहा न जाये कुछ

याद आये तुम

तुम ही हो सब कुछ मेरा

ऊँ तरा ऊँ तरा ऊँ तरा रा

बादल भी आये

बरस न पाये

सखियन सारी

गयी देश पराये

डोली संग कहार बोले

हुन हुना हुन हुना हुन हुना हुन

मोरे पिया

कहे मोरा जिया

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