हरि हर बोल🙏🙏 इस AUDIO में नितिन जी ने ओम् जय जगदीश हरे आरती के अंत के तीन पैराग्राफ 7,8,9 का अर्थ समझाया है🌷 तो आरती के शूरू में हम भगवान् से मांग रहे होते हैं, लेकिन यहाँ तक पहुँचते हमारी प्रेयर और भी गहरी हो गई है और हम भगवान् से कह रहे हैं🌷 1) मैं दीन हीन हूँ, आप ही मेरे रखवाले हैं, आप दीनदयाल, दीनानाथ हैं, मुझ पर कृपा करें जिससे मैं आपको पा सकूँ, मुझे अपनी शरण में लो, मैं आपके द्वार आया हूँ 🌷2) हे प्रभु मेरे अंदर के बिष्य बिकार मिटाओ, मेरे पाप हर लो और मुझमें श्रद्धा भक्ति बताओ, मैं अपने बल से कुछ नही कर सकता, आप ही हम पर कृपा करें🌷 3) हे प्रभु मेरा तन, मन और धन सबकुछ आपका ही दिया हुआ है, मेरा तो कुछ भी नही है, मैं आपका दिया हुआ आपको अर्पण करता हूँ, बस मुझ दीन हीन पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखना और हमेशा अपने चरण कमलों की सेवा में लगाए रखना 👍ओम जय जगदीश हरे आरती की जय🙏🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏
To watch this Episode on Youtube click on the link below :
https://www.youtube.com/live/UrsmGTFEP8s
To watch GolokExpress videos click on the link below :
Youtube_GolokExpress
To get in touch with GolokExpress on telegram click the link below :
Telegram_GolokExpress
To get in touch with GolokExpress on facebook click the link below :
Facebook_GolokExpress
To get in touch -Whatsapp/Telegram- 7018026821 or info@golokexpress.org