हरि हरि बोल 🙏 🙏 इस AUDIO में हमने अध्याय 2 "अर्जुन ने श्री कृष्ण की शरण ली"। श्लोक 1 से 7 तक समझा।श्लोक 1 में बताया कि अर्जुन को संबंधियों पर दया आ गई और भगवान ने उनसे क्या कहा? श्लोक 2 में भगवान अर्जुन से कहते हैं कि अर्जुन आज्ञान के भीतर है और श्रेष्ठ लोग ऐसा नहीं करते ।हम भी इंद्रियों के वश में आकर अज्ञानता के पथ पर आ जाते हैं और हमें अपयश की प्राप्ति होती है ।श्लोक 3 में भगवान अर्जुन को नपुंसक कहते हैं और उसे दुर्बलता त्याग कर युद्ध करने को कहते हैं।🌸 हमें भी अपने कर्तव्यों का पालन करते-करते प्रभु से शुद्ध भक्ति करनी है ।🌸🙏श्लोक 4 में अर्जुन भगवान से कहते हैं कि युद्ध में उनके पूजनीय दादाजी हैं वह मोह में उन्हें नहीं मार सकते ।श्लोक ,5 में अर्जुन कहते हैं गुरुजनों को मारने की बजाय वह भीख मांग कर जीवन जीना चाहते हैं । श्लोक 6 में अर्जुन कहते हैं कि उनके लिए श्रेष्ठ क्या है ?असल जीवन में हम भी ऐसी परिस्थितियों से भ्रमित हो जाते हैं और उसे समय हमें सब कुछ भगवान पर छोड़ देना चाहिए। 🌹
श्लोक साथ में अर्जुन भगवान को उनका मार्गदर्शन करने को कहते हैं, हम भी अज्ञानता के जाल में फंसे हैं इस भवसागर से पर होने के लिए हमें प्रभु की शरण ग्रहण करनी है ।हरे कृष्णा हरे कृष्णा ,कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम हरे ,राम राम हरे हरे।
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