हरि हरि बोल 🙏 🙏 इस AUDIO में हमने अध्याय 2 "अर्जुन ने श्री कृष्ण की शरण ली "के श्लोक 13 और 14 समझे। श्लोक 13 में बताया कि हम देहधारी जीव हैं ।भगवान कहते हैं धीर मनुष्य शरीर परिवर्तन से मोहित नहीं होता। हमें भविष्य के सुखों के बारे में ना सोचकर भगवान की सेवा में लीन होना है, 🌸क्योंकि हम नहीं जानते कि यह शरीर हमें कब त्यागना पड़े।हमें यह नहीं सोचना कि हम शरीर हैं हम एक आत्मा हैं । श्लोक 14 में भगवान कहते हैं जैसे सर्दी के बाद गर्मी आती है वैसे सुख के बाद दुख भी आते हैं।हम भी चाहते हैं कि अगर हम भक्ति करें तो केवल सुखी हमारे जीवन में आए लेकिन सुख और दुख दोनों हमारे जीवन का हिस्सा है। 🌸सुख के समय में भी हमें प्रभु का धन्यवाद करना है विचलित नहीं होना है और दुख में भी धन्यवाद करना है ताकि भगवान हमें दुख सहन करने की शक्ति दें🌹 ।हमें दुनियादारी में ना खोकर निष्काम भाव से प्रभु की सेवा में लीन होना है। हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।
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