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Description

safai poem ( सफाई कविता ) by Dr. A. Bhagwat 

सफाई! सफाई! सफाई! सफाई!  

लो शुरू हो गई, दीवाली की सफाई...!  

इसके पहले हो घर की सफाई! इसके पहले हो दुकानो की सफाई!