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आज के पॉडकास्ट में देश की करीब 1400 जेलों में बंद सभी बंदियों के नाम एक चिट्ठी। कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में बहुत-से लोगों ने अपनी जिंदगी की तुलना जेल से कर डाली है। लेकिन इस तकलीफ़ को सिर्फ वही समझते हैं जिनके नसीब में असल की जेल आई। तिनका तिनका जेल रेडियो का यह अंक बंदियों को सलाखों में रहते हुए भी अपने मन के आकाश को बढ़ा करने की प्रेरणा देता है।