बरेली जेल, उत्तर प्रदेश में बंदी 45 वर्षीय वैभव जैन की कविता छींटे को 2016 में तिनका तिनका इंडिया अवार्ड (कविता) के लिए पहला पुरस्कार मिला। पेशे से अध्यापक रहे वैभव जेल की अपनी सजा काटते हुए अब कविता लिखते हैं। इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार राजकोट, गुजरात की 30 वर्षीया मनीषा राम सिंह डोडिया को उनकी कविता फासला के लिए दिया गया। तीसरा पुरस्कार आगरा जेल में बंदी दिनेश गौड़ को उनकी कविता मैं कैद हूं तो क्या हुआ, मन मेरा आजाद है- के लिए मिला। यह है- तिनका तिनका अवॉर्ड की यात्रा का एक अंश। इस पॉडकास्ट को नितिन चौधरी ने संपादित किया है।