Birsa Munda
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को रांची जिले के उलिहतु गाँव में हुआ था 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे और बिरसा और उसके साथियों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था।
डोम्बरी पहाड़ पर एक और संघर्ष हुआ था जिसमें बहुत सी औरतें व बच्चे मारे गये थे। उस जगह बिरसा अपनी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। बाद में बिरसा के कुछ शिष्यों की गिरफ़्तारियाँ भी हुईं। अन्त में स्वयं बिरसा भी 3 मार्च 1900 को गिरफ़्तार कर लिये गये। बिरसा ने अपनी अन्तिम साँसें 9 जून 1900 को ली, अंग्रेजों ने जहर देकर मार दिया। आज भी बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छतीसगढ़ औऱ पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुण्डा को भगवान की तरह पूजा जाता है।
सलाम महान क्रांतिकारी को