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Description

हिन्दोस्तान आज़ाद हो गया। आज़ाद हिन्दोस्तान का ध्यान एक नए समाज के निर्माण की ओर केन्द्रित हो रहा है। यह नया समाज कैसा हो?- उसका मूल आधार कैसा हो? उसका विकास किस प्रकार किया जाए? हिन्दोस्तान का हर देशभक्त इन प्रश्नों पर सोच-विचार कर रहा है। समाज को अगर एक वृक्ष मान लिया जाए, तो अर्थनीति उसकी जड़ है, राजनीति तना; विज्ञान आदि उसकी डालियाँ हैं और संस्कृति उसके फूल । इसलिए नए समाज की अर्थनीति या राजनीति आदि पर ही हमें ध्यान नहीं देना है बल्कि उसकी संस्कृति की ओर सबसे अधिक ध्यान देना है; क्योंकि मूल और तने की सार्थकता तो उसके फूल में ही है।