चिड़िया और कौवा - हरियाणवी लोक कथा.
मुफ्तखोर अपनी चालाकी से भोलेभाले लोगों की मेहनत के फल को लूट सकता है, लेकिन जीत न्याय की होगी और अंततः प्रकृति करेगी न्याय.