Vishwas se Hi Kalpna Sakar Hoti Hain |विश्वास से ही कल्पना साकार होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति का ९० प्रतिशत मानसिक जीवन कल्पना अथवा धारणा पर अवलम्बित हैं। यह एक अद्भुत शक्ति हैं। इसका प्रयोग और उपयोग ही आपको जीवन की संकीर्ण सीमा के पार कर सकता हैं। आपका चिंतन जितना सकारात्मक होगा उसकी छबि आपके दिमाग पर स्पष्ट सन्देश देंगी। यही आपके जीवन के तथ्यों और अनुभवों के रूप में प्रकट होगी। हमारा मन कल्पनाशील हैं ,उसे कल्पना में उड़ना पसंद हैं, इसलिए उसे तरंगी मन भी कहते हैं। आपकी धारणा जितनी परिपक्व होगी उसका परिणाम भी सचोट व् प्रत्यक्ष होगा। , पूर्ण रूपी स्वीकृति का कोई विवाद नहीं होताा और परिणाम भी आपके पक्ष को मजबूत करता हैं।