अनुभव सिन्हा की फ़िल्म 'आर्टिकल 15' के सह-लेखक गौरव सोलंकी से फ़िल्म गीतकार पुनीत शर्मा की यह बातचीत फ़िल्म को लिखे जाने की प्रक्रिया और उसकी बारीकियों में जाती है. हमें पता चलता है कि कैसे हिंदी की महानतम कृतियों में से एक ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा 'जूठन' फ़िल्मकार अनुभव सिन्हा, एक्टर आयुषमान खुराना और गौरव के बीच एक कड़ी बन गयी थी जिसके सहारे वे अपनी कहानी में अभिव्यक्त हो रहे सामाजिक यथार्थ को और गहराई से समझ पा रहे थे. फ़िल्म के अलावा यह बातचीत गौरव की साहित्यिक कहानियों के बारे में और दिल्ली में एक हिंदी लेखक के रूप में उनके दिनों के बारे में भी है!
और अंत में पर उनकी आवाज़ में एक कविता भी . उम्मीद है आपको बोलती किताबें का यह एपिसोड पसद आएगा.
आप हमारे साथ ज़रूर साझा करें कि आपको 'बोलती किताबें' कैसा लग रहा है और आप इसमें क्या सुनना पसंद करेंगे?
स्टोरीटेल सब्सक्राइब करने के लिए
यहाँ जाएँ.