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Safar Me Dhoop To Hogi, Jo Chal Sako To Chalo

Safar Me Dhoop To Hogi, Jo Chal Sako To Chalo

Sabhi Hain Bheed Mein Tum Bhee Nikal Sako To Chalo

Kisi Ke Waaste Raahen Kahan Badalti Hai

Tum Apne Aap Ko Khud Hi Badal Sako To Chalo

Yahan Kisi Ko Koi Raasta Nahin Deta

Mujhe Gira Ke Agar Tum Sambhal Sako To Chalo

Yahi Hai Zindagi Kuch Khwaab Chand Ummeeden

Inhi Khilonon Se Tum Bhee Bahal Sako To Chalo

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो

इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो

बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं

तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता

मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो

यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें

इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

हर इक सफ़र को है महफ़ूस रास्तों की तलाश

हिफ़ाज़तों की रिवायत बदल सको तो चलो

कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फ़िज़ा

ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो