इस भाग में आप जानेंगे किस तरह कृष्ण जिन्न ने किशोरी को शिवदत्त की कैद से बचाया । और इसी भाग में शिवदत्त ओर रोहतासगढ के राजकुमार का अंत हो जाएगा। परंतु मनोरमा फिर से अपनी चालों को कामयाब करने हेतु उद्योग कर रही है। जिसके चलते उसने किशोरी का रूप धारण कर उसकी विश्वास पात्र बन गई है