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Description

चंद्रकांता की अपार सफलता के बाद देवकीनंदन जी ने चंद्रकांता संतति को लिखा इस उपन्यास मे आपको चंद्रकांता के पुत्रों और चपला और चंपा के पुत्रों के हाल मालूम होंगे अपितु महाराज शिवदत्त की दुश्मनी के साथ साथ उनके नेक दिल बच्चो से भी परिचय होगा।