क्या महान कार्य ही इंसान की असली पहचान है?
Is doing great work the real identity of someone?
ऐसा कहा जाता है कि इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है और अक्सर लोग ये सोचते हैं कि इंसान जो बड़े बड़े कार्य करता है, महान कृत्यों को अंजाम देता है वही उसकी असली पहचान है, उसका वास्तविक रूप है। ये पूर्ण रूप से सत्य नहीं है क्योंकि अक्सर उससे किसी इंसान की वास्तविकता नहीं पता चलती। तो कौन से कृत्य हैं जो मनुष्य की असली पहचान हैं? और कौन से कर्म हैं जो किसी भी इंसान को असल में महान बनाते हैं?