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Description

कैसे शुरू होगी आतंरिक यात्रा 

The beginning of the inner journey

मनुष्य की सारी दौड़ बाहर की ओर है। वो अपने सारे सुख, चैन, आराम ओर तृप्ति की खोज के लिए बाहर की तरफ दौड़ रहा है लेकिन फिर भी आत्म-तृप्ति नहीं मिल रही। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने मनुष्य को सन्देश दिया है कि संयमी बनें और अपने भीतर लौटें क्योंकि परम आनन्द वही है लेकिन कैसे होगा ये? कैसे मनुष्य अपने भीतर की यात्रा कर पायेगा?

मनुष्य की सारी दौड़ बाहर की ओर है। वो अपने सारे सुख, चैन, आराम ओर तृप्ति की खोज के लिए बाहर की तरफ दौड़ रहा है लेकिन फिर भी आत्म-तृप्ति नहीं मिल रही। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने मनुष्य को सन्देश दिया है कि संयमी बनें और अपने भीतर लौटें क्योंकि परम आनन्द वही है लेकिन कैसे होगा ये? कैसे मनुष्य अपने भीतर की यात्रा कर पायेगा?.

https://youtu.be/BNCsTImfDdk