भावार्थ. . .
इस सुंदर कविता की रचना रेनू जी की है!इस कविता के माध्यम से रेनू जी ने भगवान श्री जगन्नाथ जी की दिव्य लीलाओं का वर्णन किया है! जगन्नाथपूरी धाम चार धामों में से एक है जहां भगवान श्री जगन्नाथ कलयुग के लोगों का उद्धार करने के लिए अपने भाई बलदेव और अपनी प्रिय बहन सुभद्रा जी के साथ साक्षात विराजमान हैं!
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