भावार्थ...
इस सुंदर कविता की रचना सुमन जी ने की है! धरती हम सब के जीवन का आधार है इसलिए धरती को मां की संज्ञा दी गई है! धरती मां हम सब का पालन पोषण करते हुए हम सब जीवो को जीवनदान प्रदान करते हुए सारे जीवो का भार उठाती है! मां धरती से ही सारा जग बहुत सुंदर दिखाई देता है! लेकिन आज के समय की बहुत बड़ी विडंबना है कि हम सब प्रकृति की तरफ अपने कर्तव्य को भूलते जा रहे हैं! चारों तरफ प्रदूषण ही प्रदूषण है जिससे प्रकृति को बहुत अधिक नुकसान पहुंच रहा है! अगर हम सब अपने अपने कर्तव्य को समझें तो प्रभु द्वारा दिया गए यह अनमोल उपहार यह सुंदर प्रकृति को हम अभी भी बचा सकते हैं इसलिए हम सबको अपने अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए अधिक से अधिक पेड़ उगाने चाहिए,जल का संरक्षण करना चाहिए, अपने आस पास हमेशा सफाई रखनी चाहिए! जब हम इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तब हम प्रकृति के संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं!
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