भावार्थ...
इस सुंदर कविता की रचना रोशनी जी ने की है! इस कविता में रोशनी जी ने प्रकृति के तीन गुणों की बहुत ही सुंदर व्याख्या की है! यह प्रकृति तीन गुणों में बंधी है! सतोगुण,रजोगुण और तमोगुण यह तीनों गुण भगवान की माया के अधीन हैं! यह तीनों गुण प्रत्येक मनुष्य पर अपना प्रभाव डालते हैं जिसमें तमोगुण सबसे निम्न श्रेणी का,रजोगुण उससे ऊपर की श्रेणी का और सतोगुण सबसे उच्च श्रेणी का माना जाता है! ज्यादातर मनुष्य रजोगुण और तमोगुण में ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन प्रभु कृपा से इन गुणों को बदला भी जा सकता है यदि हम निरंतरता के साथ सत्संग साधना सेवा और सदाचार को अपने जीवन में उतारते हैं तब हमारे जीवन में सतोगुण बढ़ता है और जैसे जैसे हमारे जीवन में सतोगुण बढ़ता है वैसे वैसे भगवान के साथ हमारा रिश्ता मजबूत बनता चला जाता है और जब भगवान की कृपा हमारे ऊपर होती है तो फिर हमारे अंदर का सूक्ष्म अहंकार भी नष्ट हो जाता है जिसके प्रभाव से हम दिव्य बन जाते हैं और अपने असली गंतव्य को प्राप्त कर पानी में सक्षम हो जाते हैं!
To watch GolokExpress videos click on the link below :
To get in touch with GolokExpress on telegram click the link below :
To get in touch with GolokExpress on facebook click the link below :
To get in touch -Whatsapp/Telegram- 7018026821 or info@golokexpress.org